बल्ला राम नगर 40 फुटी सड़क योजना खटाई
सडक़ के नींव पत्थर को भी लिया चारदीवारी में
डिप्टी सीएम ने रखा था 40 फुटी रोड़ का नींव पत्थर
बठिंडा। स्थानीय बल्ला राम नगर वासियों को पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिया गया 40 फुटी सडक़ का तोहफा, नगर वासियों के हाथों से उस समय छीनता हुआ नजर आया, जब इस मार्ग की शुरूआत में स्थित एक प्लाट के मालिक द्वारा उप मुख्यमंत्री द्वारा रखे नींव पत्थर को अपनी चारदीवारी के भीतर लेते हुए नया निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। इसमें कोई दो राय नहीं कि निर्माण के शुरू होते ही 40 फुटी सडक़ परियोजना खटाई में पड़ गई। हैरत की बात तो यह है कि इस निर्माण को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कारवाई नहीं की जा रही है और निर्माण करने वाले निरंतर अपनी गतिविधि को जारी रखे हुए हैं। उधर, संबंधित वार्ड के पार्षद व अन्य लोगों का कहना है कि उन्होंने निर्माण को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन उक्त जगह के मालिक मानने को तैयार नहीं और मामले की तरफ नगर निगम का ध्यान भी खींचा जा रहा है। बताते हैं कि उक्त जगह बिंदू ढिल्लों नामक महिला की है, जो कि चंडीगढ़ में रहती हैं एवं उन्होंने 1334 गज जमीन साल 2007 में खरीदी थी, जबकि उक्त जगह से कुछ जगह 40 फुटी सडक़ परियोजना के लिए लेते हुए सुखबीर सिंह बादल की ओर से यहां पर नींव पत्थर रखा गया था, जिसको ठेंगा दिखाते हुए आज प्लाट मालिकों ने नींव पत्थर को चारदीवारी केञ् भीतर लेते हुए निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इस मामले में नगर निगम की उदासीनता से लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है। नगर वासियों का कहना है कि उक्त निर्माण को न रोका गया तो इसकी देखा देखी सडक़ पर और भी निर्माण होने शुरू हो जाएंगे, जो 40 फुटी सडक़ परियोजना को खत्म कर देंगे। नगर निगम के सहायक कमिश्नर, नाजर सिंह ने संपर्क करने पर बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर संबंधित अधिकारी को भेजा गया, अगर कोई नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ बनती कारवाई की जाएगी।
एक साथ तीन दुकानों में चोरी, पुलिस कारवाई शुरू
छतों से दरवाजे तोड़ दुकानों में घुसे चोर
बठिंडा। गत रात्रि स्थानीय आर्य समाज चौंक स्थित तीन दुकानों पर चोरों ने एक साथ धावा बोलते हुए करीब हजारों रुपए की नगदी उड़ाई। सूचना मिलने के बाद संबंधित पुलिस स्टेशन पुलिस कर्मचारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। मिली जानकारी के अनुसार गत रात्रि चोर अरोड़ा स्पोर्ट्स, बिंदल स्पोर्ट्स व पंजाब स्पोर्ट्स दुकानों में छतों से सीढि़यों के दरवाजे तोडक़र दाखिल हुए एवं वहां से क्रमशः 13000, 8000 व 2000 रुपए की नगदी चुराई। ज्ञात रहे कि छह माह पूर्व भी उक्त मार्किट में चोरों द्वारा वारदात को अंजाम दिया गया था। इस तरह चोरी की वारदातें होने से दुकानदार खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं एवं उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि शहर के मुख्य बाजारों में रात्रि पुलिस गश्त को बढ़ाया जाए ताकि चोर इस तरह वारदातों को अंजाम देने से खौफ खाएं। उधर, कोतवाली थाना प्रभारी रणबीर सिंह ने कहा कि चोर छत के द्वारा दुकानों में घुसे एवं उन्होंने वहां से नगदी चुराई। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में अपनी बनती कारवाई कर रही है व उम्मीद है कि चोरों तक पुलिस जल्द पहुंच जाएगी।
भाजपा पूर्वी मंडल की मीटिंग आयोजित
बठिंडा। भाजपा कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के उद्देश्य से भाजपा पूर्वी मंडल की कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। अशोक वालियांवाली की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिला बठिंडा शहरी प्रभारी नीरज तायल उपस्थित थे। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रभारी नीरज तायल ने काह कि केंद्र की यूपीए सरकार घोटालों, भ्रष्टाचारों व महंगाई की मार से चारों तरफ से घिरी हुई है। यूपीए 2 से भारत की जनता का मोह भंग हो चुका है। केंद्र की सरकार कभी भी गिर सकती है व मध्यावधि चुनाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए कार्यकर्ता चुनावों के लिए तैयार रहें। पंजाब विधानसभा के चुनाव के दृष्टिगत भी कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारी के लिए तैयार रहने के लिए अपील करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में शिअद भाजपा गठबंधन विकास के मुद्दे पर चुनाव में शिरकते करते हुए दोबारा सत्ता में आएगा। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य मोहन लाल गर्ग, नगर निगम के वरिष्ठ डिप्टी मेयर तरसेम गोयल, जिला बठिंडा महासचिव मिट्ठू राम गुप्ता, महासचिव संगठन गुलशन वधवा, मंडल महासचिव रमेश सिंगला, नरेश मेहता, पार्षद पासवान, इंद्र लाल, कुलवंत सिंह पूहला, डिप्टी बांसल, हंसराज बांसल, निर्मला रानी, राकेश मलिक, संजीव मित्तल, राजीव, प्रेम, राजेश सिंगला, भूषण बांसल, रामनाथ, विक्की, सुरेंद्र पाल गहरी, कृष्ण देव, रविकुमार उपस्थित थे।
रैली में गूंजा 'साथ आओ, समस्याएं भगाओ' का नारा
बठिंडा। न्यू बठिंडा के नगरवासियों को इंसाफ दिलाने के लिए व उनकी मुश्किलों को हल करवाने के लिए पिछले लम्बे समय से संघर्षरत पूर्व पार्षद व संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष विजय कुञ्मार ने रविवार को अपने साथियों समेत 'हमारी आवाज सुनो' रैली का आयोजन किया। इस रैली के तहत परसराम नगर मुख्य मार्ग स्थित श्री दुर्गा मंदिर के समक्ष मार्ग पर लगाए धरने के दौरान अपने संबोधन में विजय कुमार ने लोगों को अपील करते हुए कहा कि आप हमें समर्थन दें और हम समस्याओं के खिलाफ लड़ेंगे। धरने को संबोधित करते हुए कहा कि उनके व लोगों के बीच कितनी निकटता आ चुकी है, का अंदाजा तो लोगों द्वारा उनके संबोधन किए जाने वाले शब्दों से लगाया जा सकता है। आज आलम यह है कि न्यू बठिंडा नगर वासी अपनी समस्याएं हल करवाने के लिए किसी नेता व पार्षद का दरवाजा खटखटाने से बेहतर उनसे संपर्क साधना समझते हैं, क्योंकि लोगों को पता है कि विजय कुमार कोई राजसी नेता नहीं, बल्कि जननेता है एवं वह लोगों की समस्याओं को हल करवाने के लिए किसी भी हद तक जाकर संघर्ष कर सकते हैं। उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि प्रशासन रेलवे विभाग से बातचीत कर रेलवे खेलकूद परिसर को आम लोगों के लिए खुलवाएं, अगर इसके रख रखाव में कोई दिक्कत पेश आ रही है तो इसकी जिम्मेदारी न्यू बठिंडा के वासी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि परस राम नगर, प्रताप नगर, गोपाल नगर, जोगी नगर, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, हंस नगर के वासियों के लिए कोई भी पार्क व खेलकूद परिसर नहीं, जिसके कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। धरना प्रदर्शन पर बैठे लोगों ने प्रशासन व रेलवे विभाग से मांग की कि ठंडी सडक़ व पार्कों की हालत सुधारने, चर्च निकट से 20 ड्डुञ्ट पैदल पुल निकालने, उक्त क्षेत्र हेतु अलग प्लेटफार्म बनाने की मांग उठाई। इसके पश्चात विजय कुमार व उनके साथियों ने अपना रोष प्रकट करने के लिए करीब डेढ़ घंटे तक चक्का जाम किया गया। संघर्ष कमेटी ने धरना समाप्ति के मौके एलान किया गया, अगर उनकी मांगों की तरफ शीघ्र ध्यान न दिया गया तो आने वाले समय में बड़े स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। इस मौके पर आलम सिंह, हरविंदर लड्डू, बाबा कमल, संजीव सोनी, भुपिंदर भप्पा, कैञ्प्टन कर्मजीत, सुरिंदर छिंदा, विक्रम, रविंदर रिम्पी, गोरा सरपंच, गुरबख्श, सोमी, सतनाम नीटा, इकबाल सिंह, गोरा लाल, जगन सेठ, लक्ष्मण, परमजीत सिंह, राकेश कुमार आदि उपस्थित थे। इसके अलावा पूर्व पार्षद विजय कुमार की पूर्व गतीविधियों को ध्यान में रखते हुए जिला पुलिस विभाग ने उक्त क्षेत्र में सुरक्षा प्रबंध पुख्ता करने के लिए अधिक पुलिस कर्मचारियों को धरनास्थल पर तैनात किया। सूत्रों से एकत्र जानकारी के अनुसार धरनास्थल पर कैनाल थाना, कैंट थाना, वर्धमान चौंकी व ट्रैफिक पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को तैनात किया गया, ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
संदिग्ध परिस्थितियों में मिला युवक का शव
बठिंडा। स्थानीय ढिल्लों बस्ती के समीप से गुजरने वाली बठिंडा डबवाली रेलवे लाइन से आज सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक का शव मिला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सहारा जनसेवा को सूचना मिली कि उक्त स्थान पर एक युवक का बाजू कटा शव पड़ा है। सहारा कार्यकर्ताओं ने घटनास्थल पर पहुंचकर संबंधित पुलिस जीआरपी को सूचित किया। सहारा वर्करों ने जीआरपी अधिकारियों की निगरानी में शव को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय सिविल अस्पताल पहुंचाया। सहारा कार्यकर्ताओं के अनुसार उक्त शव संगूआना बस्ती के रहने वाले 25 वर्षीय रोशन लाल का है। जीआरपी मामले की गहनता से जांच कर रही है कि युवक की मौत हादसा है या फिर हत्या।
सहारा ने कम्बल व राशन बांटा
बठिंडा। मानवता की सेवा को समर्पित सहारा जनसेवा ने युवक मनीष शर्मा के सहयोग से बेसहारा व असहाय लोगों को बचाने हेतु चलाए जा रहे अभियान के तहत 20 कम्बल बांटे। संस्था ने दानी सज्जन मनीश शर्मा का शुक्रिया अदा किया। इसके अतिरिक्त सहारा कार्यकर्ताओं ने तीन अति निर्धन परिवारों को राशन उपलब्ध करवाया।
स्व. प्रीति ढल्ला की याद में लगाया भंडारा
प्रीति की कमी हर कदम पर महसूस होती रहेगी : बलवंत ढल्ला
बठिंडा : शहर के प्रसिद्ध समाज सेवी बलवंत सिंह ढल्ला की दिवंगत धर्मपत्नी गुरप्रीत कौर ढल्ला की पहली पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ढल्ला परिवार की ओर से स्थानीय हजूरा कपूरा कालोनी में भंडारे का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि गत वर्ष गुरप्रीत कौर ढल्ला की एक ऑपरेशन के दौरान अचानक मृत्यु हो गई थी, जिससे ढल्ला परिवार को ही नहीं, बल्कि समाज सेवा लहर को भी अघात पहुंचा था। इस मौके पर शहर की सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक संगठनों के प्रतिनिधियों व गणमान्य लोगों ने पहुंचकर स्व. गुरप्रीत कौर उर्फ प्रीती ढल्ला को श्रद्धांजलि दी व प्रभु से उनकी आत्मिक शांति की कामना की। समाज सेवी गुरप्रीत कौर ढल्ला बहुत ही धार्मिक व नेक विचारों वाली थी। वे सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेती थी। इस मौके पर बलवंत सिंह ढल्ला ने बताया कि समाज सेवा के लिए प्रीति हर समय तैयार रहती थी, समाज कल्याण के कार्यों हेतु खुले दिल से धन का दान करती थी। उन्होंने ही मुझे समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया। ऐसी दिव्य आत्मा की कमी हर कदम पर महसूस होती रहेगी।
मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों पर मचा बवाल
चंड़ीगढ़/स्वास्तिकशर्मा। गत दिनों हरियाणा प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां की गई। उन नियुक्तियों के अगले दिन एक बवंडर खड़ा हो गया। हाईकोर्ट के कील जगमोहन भट्टी ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का हवाला देते हुए, जिसमें सीपीएस की नियुक्तियां खारिज कर दी थी, हाईकोर्ट चण्डीगढ़ में जनहित याचिका दायर कर दी और कहा कि भारतीय संविधान में कोई प्रावधान न होने के कारण ये नियुक्तियां भी रद्द की जाएं। इसके बाद हरियाणा के विभिन्न राजनैतिक दलों ने भी विरोध के स्वर बुलंद कर दिए। इनैलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुचयमंत्री चौ.ओम प्रकाश चौटाला ने भी इन नियुक्तिञ्यों का कड़ा विरोध जताया और कहा कि ये नियुक्तियां करके सरकारी खजानें पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है और कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पैसे तो है नहीं, फिर उस पर ये नियुक्तियों का क्या औचित्य। गैर हजकां के सुप्रीमो कुलदीप विशनोई ने कहा कि दल बदल कर गए विधायकों को संविधान का उल्लंघन कर उन्हें एडजस्ट किया गया है जो लोकतंत्र के विरूद्ध है। अब सवाल यह उठता है कि अगर इन नियुक्तियों का भारतीय संविधान में कोई प्रावधान नहीं तो ये नियुक्तियां किस एक्ट के अधीन की गई। इन नियुक्तियों का क्या मतलब और नियुक्त किए विधायकों का क्या प्रोटोकॉल ? सामान्य तौर पर सीपीएस किसी न किसी कैञ्बनिट रैंक के मंत्री के साथ सम्बंध होते हैं। संविधान में कोई प्रावधान न होने के कारण किसी भी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करते। फिर भी उन्हें राज मंत्री का दर्जा दिया जाता है और इस के अतिरिक्त कोई स्वतंत्र तौर पर कोई फैसला नहीं ले सकते और सबसे अहम बात कि विधानसभा के दौरान किसी विधायक को प्रश्न पूछने पर उत्तर नहीं दे सकते। और सबसे अजब बात यह है कि जो राजनैतिक दल अपने राज में ये नियुक्तियां करते थे, जब राज चला जाता है तो वे भी इनका विरोध करते हैं। ऐसी नियुक्तियां होने पर जिसका संविधान में कोई उल्लेख नहीं है जनता के मन में यह प्रश्न उठता है कि इन नियुक्तियों का क्या लाभ व क्या ये संविधान का अपमान नहीं। क्योंकि संविधान से बड़ा कोई भी नही होता। राष्ट्र, सरकारें संविधान के ही अधीन चलती हैं और सबसे अहम बात कि उन विधायकों का जो सीपीएस बने हैं क्या भविष्य? जब हमने सरकार की तरफ से सीपीएस की नियुक्तियों के बारे में पूछा तो मोर्चा संभाला मुख्यमंत्री के सेनापति और राजनैतिक सचिव प्रो विरेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को एक विशेष अधिकार होता है, जिसके अंतर्गत वो अपने व अपने मंत्रियों के लिए सहायक नियुक्त कर सकते हैं। चूंकि सभी प्रदेशों में मंत्रियों के पास काफी विभाग होते हैं। जिसमें काम भी बहुत अधिक होता है। उन कार्यों को कम करने के लिए सहायक के तौर पर विधायकों को नियुक्त किया जाता है। जिससे सरकार प्रादर्शिता पूर्व शासन कर सके। इन्हें ही सीपीएस कहा जाता है। जब कांग्रेस अध्यक्ष चौ. फूल सिंह मौलाना से इन नियुक्तियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ये अधिकार होता है कि वो सहायक के तौर पर किसी की नियुक्ति कर सकते हैं, क्योंकि मौलाना साहिब एक कुशल वकील भी हैं, जब उनसे ये पूछा गया तो कि संविधान में इन नियुक्तियों को कोई प्रावधान नहीं, और हिमाचल प्रदेश कोर्ट ने भी उनको खारिज कर दिया है तो नियुक्तियां संविधान की किस धारा के तहत की गई हैं तो उन्होंने चुप्पी साध ली और दूसरे ही वक्त उन्होंने कहा कि जो राजनैतिक दल जो इन नियुक्तिञ्यों का विरोध कर रहे हैं उनके घर के मुखिया भी इन पदों पर रह चुके हैं उनको इन नियुक्तियों का विरोध करने का कोई हक नहीं। और कहा कि सरकार भी संविधान और कोर्ट से बड़ा नही है। जो भी जनहित याचिका का फैसला होगा उसे माना जाएगा। अब ये फैसला या यूं कहें कि गेंद जनता के पाले में है और जनता ने ही फैसला करना है कि ये नियुक्तियां ठीक हुई हैं या नहीं? बीजेपी के विधायक कृष्ण पाल गुर्जर ने भी इन नियुक्तियों पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि सरकार में भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है।
सडक़ के नींव पत्थर को भी लिया चारदीवारी में
डिप्टी सीएम ने रखा था 40 फुटी रोड़ का नींव पत्थर
बठिंडा। स्थानीय बल्ला राम नगर वासियों को पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिया गया 40 फुटी सडक़ का तोहफा, नगर वासियों के हाथों से उस समय छीनता हुआ नजर आया, जब इस मार्ग की शुरूआत में स्थित एक प्लाट के मालिक द्वारा उप मुख्यमंत्री द्वारा रखे नींव पत्थर को अपनी चारदीवारी के भीतर लेते हुए नया निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। इसमें कोई दो राय नहीं कि निर्माण के शुरू होते ही 40 फुटी सडक़ परियोजना खटाई में पड़ गई। हैरत की बात तो यह है कि इस निर्माण को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कारवाई नहीं की जा रही है और निर्माण करने वाले निरंतर अपनी गतिविधि को जारी रखे हुए हैं। उधर, संबंधित वार्ड के पार्षद व अन्य लोगों का कहना है कि उन्होंने निर्माण को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन उक्त जगह के मालिक मानने को तैयार नहीं और मामले की तरफ नगर निगम का ध्यान भी खींचा जा रहा है। बताते हैं कि उक्त जगह बिंदू ढिल्लों नामक महिला की है, जो कि चंडीगढ़ में रहती हैं एवं उन्होंने 1334 गज जमीन साल 2007 में खरीदी थी, जबकि उक्त जगह से कुछ जगह 40 फुटी सडक़ परियोजना के लिए लेते हुए सुखबीर सिंह बादल की ओर से यहां पर नींव पत्थर रखा गया था, जिसको ठेंगा दिखाते हुए आज प्लाट मालिकों ने नींव पत्थर को चारदीवारी केञ् भीतर लेते हुए निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इस मामले में नगर निगम की उदासीनता से लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है। नगर वासियों का कहना है कि उक्त निर्माण को न रोका गया तो इसकी देखा देखी सडक़ पर और भी निर्माण होने शुरू हो जाएंगे, जो 40 फुटी सडक़ परियोजना को खत्म कर देंगे। नगर निगम के सहायक कमिश्नर, नाजर सिंह ने संपर्क करने पर बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर संबंधित अधिकारी को भेजा गया, अगर कोई नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ बनती कारवाई की जाएगी।
एक साथ तीन दुकानों में चोरी, पुलिस कारवाई शुरू
छतों से दरवाजे तोड़ दुकानों में घुसे चोर
बठिंडा। गत रात्रि स्थानीय आर्य समाज चौंक स्थित तीन दुकानों पर चोरों ने एक साथ धावा बोलते हुए करीब हजारों रुपए की नगदी उड़ाई। सूचना मिलने के बाद संबंधित पुलिस स्टेशन पुलिस कर्मचारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। मिली जानकारी के अनुसार गत रात्रि चोर अरोड़ा स्पोर्ट्स, बिंदल स्पोर्ट्स व पंजाब स्पोर्ट्स दुकानों में छतों से सीढि़यों के दरवाजे तोडक़र दाखिल हुए एवं वहां से क्रमशः 13000, 8000 व 2000 रुपए की नगदी चुराई। ज्ञात रहे कि छह माह पूर्व भी उक्त मार्किट में चोरों द्वारा वारदात को अंजाम दिया गया था। इस तरह चोरी की वारदातें होने से दुकानदार खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं एवं उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि शहर के मुख्य बाजारों में रात्रि पुलिस गश्त को बढ़ाया जाए ताकि चोर इस तरह वारदातों को अंजाम देने से खौफ खाएं। उधर, कोतवाली थाना प्रभारी रणबीर सिंह ने कहा कि चोर छत के द्वारा दुकानों में घुसे एवं उन्होंने वहां से नगदी चुराई। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में अपनी बनती कारवाई कर रही है व उम्मीद है कि चोरों तक पुलिस जल्द पहुंच जाएगी।
भाजपा पूर्वी मंडल की मीटिंग आयोजित
बठिंडा। भाजपा कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के उद्देश्य से भाजपा पूर्वी मंडल की कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। अशोक वालियांवाली की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिला बठिंडा शहरी प्रभारी नीरज तायल उपस्थित थे। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रभारी नीरज तायल ने काह कि केंद्र की यूपीए सरकार घोटालों, भ्रष्टाचारों व महंगाई की मार से चारों तरफ से घिरी हुई है। यूपीए 2 से भारत की जनता का मोह भंग हो चुका है। केंद्र की सरकार कभी भी गिर सकती है व मध्यावधि चुनाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए कार्यकर्ता चुनावों के लिए तैयार रहें। पंजाब विधानसभा के चुनाव के दृष्टिगत भी कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारी के लिए तैयार रहने के लिए अपील करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में शिअद भाजपा गठबंधन विकास के मुद्दे पर चुनाव में शिरकते करते हुए दोबारा सत्ता में आएगा। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य मोहन लाल गर्ग, नगर निगम के वरिष्ठ डिप्टी मेयर तरसेम गोयल, जिला बठिंडा महासचिव मिट्ठू राम गुप्ता, महासचिव संगठन गुलशन वधवा, मंडल महासचिव रमेश सिंगला, नरेश मेहता, पार्षद पासवान, इंद्र लाल, कुलवंत सिंह पूहला, डिप्टी बांसल, हंसराज बांसल, निर्मला रानी, राकेश मलिक, संजीव मित्तल, राजीव, प्रेम, राजेश सिंगला, भूषण बांसल, रामनाथ, विक्की, सुरेंद्र पाल गहरी, कृष्ण देव, रविकुमार उपस्थित थे।
रैली में गूंजा 'साथ आओ, समस्याएं भगाओ' का नारा
बठिंडा। न्यू बठिंडा के नगरवासियों को इंसाफ दिलाने के लिए व उनकी मुश्किलों को हल करवाने के लिए पिछले लम्बे समय से संघर्षरत पूर्व पार्षद व संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष विजय कुञ्मार ने रविवार को अपने साथियों समेत 'हमारी आवाज सुनो' रैली का आयोजन किया। इस रैली के तहत परसराम नगर मुख्य मार्ग स्थित श्री दुर्गा मंदिर के समक्ष मार्ग पर लगाए धरने के दौरान अपने संबोधन में विजय कुमार ने लोगों को अपील करते हुए कहा कि आप हमें समर्थन दें और हम समस्याओं के खिलाफ लड़ेंगे। धरने को संबोधित करते हुए कहा कि उनके व लोगों के बीच कितनी निकटता आ चुकी है, का अंदाजा तो लोगों द्वारा उनके संबोधन किए जाने वाले शब्दों से लगाया जा सकता है। आज आलम यह है कि न्यू बठिंडा नगर वासी अपनी समस्याएं हल करवाने के लिए किसी नेता व पार्षद का दरवाजा खटखटाने से बेहतर उनसे संपर्क साधना समझते हैं, क्योंकि लोगों को पता है कि विजय कुमार कोई राजसी नेता नहीं, बल्कि जननेता है एवं वह लोगों की समस्याओं को हल करवाने के लिए किसी भी हद तक जाकर संघर्ष कर सकते हैं। उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि प्रशासन रेलवे विभाग से बातचीत कर रेलवे खेलकूद परिसर को आम लोगों के लिए खुलवाएं, अगर इसके रख रखाव में कोई दिक्कत पेश आ रही है तो इसकी जिम्मेदारी न्यू बठिंडा के वासी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि परस राम नगर, प्रताप नगर, गोपाल नगर, जोगी नगर, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, हंस नगर के वासियों के लिए कोई भी पार्क व खेलकूद परिसर नहीं, जिसके कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। धरना प्रदर्शन पर बैठे लोगों ने प्रशासन व रेलवे विभाग से मांग की कि ठंडी सडक़ व पार्कों की हालत सुधारने, चर्च निकट से 20 ड्डुञ्ट पैदल पुल निकालने, उक्त क्षेत्र हेतु अलग प्लेटफार्म बनाने की मांग उठाई। इसके पश्चात विजय कुमार व उनके साथियों ने अपना रोष प्रकट करने के लिए करीब डेढ़ घंटे तक चक्का जाम किया गया। संघर्ष कमेटी ने धरना समाप्ति के मौके एलान किया गया, अगर उनकी मांगों की तरफ शीघ्र ध्यान न दिया गया तो आने वाले समय में बड़े स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। इस मौके पर आलम सिंह, हरविंदर लड्डू, बाबा कमल, संजीव सोनी, भुपिंदर भप्पा, कैञ्प्टन कर्मजीत, सुरिंदर छिंदा, विक्रम, रविंदर रिम्पी, गोरा सरपंच, गुरबख्श, सोमी, सतनाम नीटा, इकबाल सिंह, गोरा लाल, जगन सेठ, लक्ष्मण, परमजीत सिंह, राकेश कुमार आदि उपस्थित थे। इसके अलावा पूर्व पार्षद विजय कुमार की पूर्व गतीविधियों को ध्यान में रखते हुए जिला पुलिस विभाग ने उक्त क्षेत्र में सुरक्षा प्रबंध पुख्ता करने के लिए अधिक पुलिस कर्मचारियों को धरनास्थल पर तैनात किया। सूत्रों से एकत्र जानकारी के अनुसार धरनास्थल पर कैनाल थाना, कैंट थाना, वर्धमान चौंकी व ट्रैफिक पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को तैनात किया गया, ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
संदिग्ध परिस्थितियों में मिला युवक का शव
बठिंडा। स्थानीय ढिल्लों बस्ती के समीप से गुजरने वाली बठिंडा डबवाली रेलवे लाइन से आज सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक का शव मिला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सहारा जनसेवा को सूचना मिली कि उक्त स्थान पर एक युवक का बाजू कटा शव पड़ा है। सहारा कार्यकर्ताओं ने घटनास्थल पर पहुंचकर संबंधित पुलिस जीआरपी को सूचित किया। सहारा वर्करों ने जीआरपी अधिकारियों की निगरानी में शव को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय सिविल अस्पताल पहुंचाया। सहारा कार्यकर्ताओं के अनुसार उक्त शव संगूआना बस्ती के रहने वाले 25 वर्षीय रोशन लाल का है। जीआरपी मामले की गहनता से जांच कर रही है कि युवक की मौत हादसा है या फिर हत्या।
सहारा ने कम्बल व राशन बांटा
बठिंडा। मानवता की सेवा को समर्पित सहारा जनसेवा ने युवक मनीष शर्मा के सहयोग से बेसहारा व असहाय लोगों को बचाने हेतु चलाए जा रहे अभियान के तहत 20 कम्बल बांटे। संस्था ने दानी सज्जन मनीश शर्मा का शुक्रिया अदा किया। इसके अतिरिक्त सहारा कार्यकर्ताओं ने तीन अति निर्धन परिवारों को राशन उपलब्ध करवाया।
स्व. प्रीति ढल्ला की याद में लगाया भंडारा
प्रीति की कमी हर कदम पर महसूस होती रहेगी : बलवंत ढल्ला
बठिंडा : शहर के प्रसिद्ध समाज सेवी बलवंत सिंह ढल्ला की दिवंगत धर्मपत्नी गुरप्रीत कौर ढल्ला की पहली पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ढल्ला परिवार की ओर से स्थानीय हजूरा कपूरा कालोनी में भंडारे का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि गत वर्ष गुरप्रीत कौर ढल्ला की एक ऑपरेशन के दौरान अचानक मृत्यु हो गई थी, जिससे ढल्ला परिवार को ही नहीं, बल्कि समाज सेवा लहर को भी अघात पहुंचा था। इस मौके पर शहर की सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक संगठनों के प्रतिनिधियों व गणमान्य लोगों ने पहुंचकर स्व. गुरप्रीत कौर उर्फ प्रीती ढल्ला को श्रद्धांजलि दी व प्रभु से उनकी आत्मिक शांति की कामना की। समाज सेवी गुरप्रीत कौर ढल्ला बहुत ही धार्मिक व नेक विचारों वाली थी। वे सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेती थी। इस मौके पर बलवंत सिंह ढल्ला ने बताया कि समाज सेवा के लिए प्रीति हर समय तैयार रहती थी, समाज कल्याण के कार्यों हेतु खुले दिल से धन का दान करती थी। उन्होंने ही मुझे समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया। ऐसी दिव्य आत्मा की कमी हर कदम पर महसूस होती रहेगी।
मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों पर मचा बवाल
चंड़ीगढ़/स्वास्तिकशर्मा। गत दिनों हरियाणा प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां की गई। उन नियुक्तियों के अगले दिन एक बवंडर खड़ा हो गया। हाईकोर्ट के कील जगमोहन भट्टी ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का हवाला देते हुए, जिसमें सीपीएस की नियुक्तियां खारिज कर दी थी, हाईकोर्ट चण्डीगढ़ में जनहित याचिका दायर कर दी और कहा कि भारतीय संविधान में कोई प्रावधान न होने के कारण ये नियुक्तियां भी रद्द की जाएं। इसके बाद हरियाणा के विभिन्न राजनैतिक दलों ने भी विरोध के स्वर बुलंद कर दिए। इनैलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुचयमंत्री चौ.ओम प्रकाश चौटाला ने भी इन नियुक्तिञ्यों का कड़ा विरोध जताया और कहा कि ये नियुक्तियां करके सरकारी खजानें पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है और कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पैसे तो है नहीं, फिर उस पर ये नियुक्तियों का क्या औचित्य। गैर हजकां के सुप्रीमो कुलदीप विशनोई ने कहा कि दल बदल कर गए विधायकों को संविधान का उल्लंघन कर उन्हें एडजस्ट किया गया है जो लोकतंत्र के विरूद्ध है। अब सवाल यह उठता है कि अगर इन नियुक्तियों का भारतीय संविधान में कोई प्रावधान नहीं तो ये नियुक्तियां किस एक्ट के अधीन की गई। इन नियुक्तियों का क्या मतलब और नियुक्त किए विधायकों का क्या प्रोटोकॉल ? सामान्य तौर पर सीपीएस किसी न किसी कैञ्बनिट रैंक के मंत्री के साथ सम्बंध होते हैं। संविधान में कोई प्रावधान न होने के कारण किसी भी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करते। फिर भी उन्हें राज मंत्री का दर्जा दिया जाता है और इस के अतिरिक्त कोई स्वतंत्र तौर पर कोई फैसला नहीं ले सकते और सबसे अहम बात कि विधानसभा के दौरान किसी विधायक को प्रश्न पूछने पर उत्तर नहीं दे सकते। और सबसे अजब बात यह है कि जो राजनैतिक दल अपने राज में ये नियुक्तियां करते थे, जब राज चला जाता है तो वे भी इनका विरोध करते हैं। ऐसी नियुक्तियां होने पर जिसका संविधान में कोई उल्लेख नहीं है जनता के मन में यह प्रश्न उठता है कि इन नियुक्तियों का क्या लाभ व क्या ये संविधान का अपमान नहीं। क्योंकि संविधान से बड़ा कोई भी नही होता। राष्ट्र, सरकारें संविधान के ही अधीन चलती हैं और सबसे अहम बात कि उन विधायकों का जो सीपीएस बने हैं क्या भविष्य? जब हमने सरकार की तरफ से सीपीएस की नियुक्तियों के बारे में पूछा तो मोर्चा संभाला मुख्यमंत्री के सेनापति और राजनैतिक सचिव प्रो विरेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को एक विशेष अधिकार होता है, जिसके अंतर्गत वो अपने व अपने मंत्रियों के लिए सहायक नियुक्त कर सकते हैं। चूंकि सभी प्रदेशों में मंत्रियों के पास काफी विभाग होते हैं। जिसमें काम भी बहुत अधिक होता है। उन कार्यों को कम करने के लिए सहायक के तौर पर विधायकों को नियुक्त किया जाता है। जिससे सरकार प्रादर्शिता पूर्व शासन कर सके। इन्हें ही सीपीएस कहा जाता है। जब कांग्रेस अध्यक्ष चौ. फूल सिंह मौलाना से इन नियुक्तियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ये अधिकार होता है कि वो सहायक के तौर पर किसी की नियुक्ति कर सकते हैं, क्योंकि मौलाना साहिब एक कुशल वकील भी हैं, जब उनसे ये पूछा गया तो कि संविधान में इन नियुक्तियों को कोई प्रावधान नहीं, और हिमाचल प्रदेश कोर्ट ने भी उनको खारिज कर दिया है तो नियुक्तियां संविधान की किस धारा के तहत की गई हैं तो उन्होंने चुप्पी साध ली और दूसरे ही वक्त उन्होंने कहा कि जो राजनैतिक दल जो इन नियुक्तिञ्यों का विरोध कर रहे हैं उनके घर के मुखिया भी इन पदों पर रह चुके हैं उनको इन नियुक्तियों का विरोध करने का कोई हक नहीं। और कहा कि सरकार भी संविधान और कोर्ट से बड़ा नही है। जो भी जनहित याचिका का फैसला होगा उसे माना जाएगा। अब ये फैसला या यूं कहें कि गेंद जनता के पाले में है और जनता ने ही फैसला करना है कि ये नियुक्तियां ठीक हुई हैं या नहीं? बीजेपी के विधायक कृष्ण पाल गुर्जर ने भी इन नियुक्तियों पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि सरकार में भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है।
No comments:
Post a Comment