Friday, February 11, 2011

जज्बा : 1 माह, 15 शिविर, 458 यूनिट रक्‍तदान
किसी ने पुण्यतिथि तो किसी ने जन्मदिवस पर लगाया शिविर
कुलवंत हैप्पी, बठिंडा। युनाइटेड वेलफेयर सोसायटी ने रक्‍तदान की लहर को जन लहर बनाने के लिए चलाए अभियान के तहत जनवरी महीने में 15 रक्‍तदान शिविरों का आयोजन किया, जिसमें 458 लोगों ने स्वेच्छा से रक्‍तदान किया एवं समाज सेवा के क्षेत्र में कदम रखा, जो काम सेहत विभाग अपनी ड्यूटी के तहत न कर सका, वह युनाइटेड वेलफेयर सोसायटी ने कर दिखाया। दरअसल, सेहत विभाग द्वारा जनवरी महीने को युवा माह के रूप में मनाया जाना था एवं इसके तहत युवाओं को रक्‍तदान करने के लिए प्रेरित करना था। रक्‍तदान के क्षेत्र में पिछले करीब डेढ़ दशक से जुटी युनाइटेड वेलफेयर सोसायटी की ओर से गत वर्ष भी 95 रक्‍तदान शिविरों का आयोजन किया गया था। संस्था के प्रेस सचिव व पंजाबी कामेडी कलाकार जितेंद्र गोभीवाला ने जानकारी देते हुए बताया कि संस्था की ओर से इस साल का पहला कैंञ्प पहली तारीख व माह का आखिरी कैंप 30 तारीख का लगाया गया, जिसमें क्रमश : 24 यूनिट व 18 यूनिट रक्‍तदान हुआ। इस माह के दौरान संस्था ने बठिंडा में ही नहीं बल्कि आस पास के क्षेत्रों में रक्‍तदान शिविरों का आयोजन किया, जिसमें युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 28 जनवरी को, जो रक्‍तदान शिविर संस्था के सहयोग से आयोजित हुआ, वह पुलिस पब्‍लिक स्कूल के एक छात्र द्वारा अपने अभिभावकों को रक्‍तदान शिविर आयोजित करने के लिए प्रेरित करने के कारण हुआ। इसके अलावा 4 जनवरी को गुरदास मान के जन्मदिवस को समर्पित एक ब्‍लड कैंप का आयोजन महिमा सरजा के युवाओं की ओर से किया गया, जिसमें करीबन 19 व्यक्‍तियों ने स्वेच्छा से रक्‍तदान किया। जहां जन्मदिवस की खुशी इजहार करने के लिए रक्‍तदान शिविर लगाए गए, वहीं स्वर्गीय परिजनों व संतों की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि देने के लिए भी रक्‍तदान शिविरों का आयोजन किया गया। श्री गोभीवाला ने बताया कि शिविरों को सफलपूर्ण संपन्न करवाने में संस्था के रक्‍तदान लहर को समर्पित कार्यकर्ता मनजगमीत सिंह, कृष्‍ण कोट शमीर, बीरबल बांसल, नरेश पठानियां व अन्य कार्यकर्ताओं ने अपना पूर्ण सहयोग दिया। ज्ञात रहे कि यूनाइटेड वेलफेयर सोसायटी की ओर से जितने भी रक्‍तदान शिविर आयोजित किए गए, उनमें एकत्र होने वाला रक्‍त सरकारी ब्‍लड बैंकों को गया।

इंजतार खत्म, हस्तनिर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी शुरू 
क्षेत्रीय सरस मेला शुरू, रस्मी उद्घाटन कल

बठिंडा। स्थानीय सरकारी राजिंद्रा कॉलेज के खेल परिसर में सरस मेला रसमी तौर से कल उद्घाटन केञ् बाद शुरू हो गया, लेकिन मेले में आगंतुकों का आगमन आज सुबह से ही शुरू हो गया। कॉलेज का खेल परिसर का स्वरूञ्प मार्किटालय में बदल चुका है। सरस मेले का आयोजन करने वाली प्रबंधकी कमेटी ने इस मेले में लगने वाली स्टॉलों को पांच हिस्सों में बांटा है, इन हिस्सों को जो पांच नाम दिए गए हैं, उनके अस्तित्व से पंजाब अस्तित्व में आया था, जी हां यह नाम है जेहलम, सतलुज, रावी, चेनाब व बयास, यही वो नदियां थी, जिनके कारण इस धरती का नाम पंजाब पड़ा। जानकारी के अनुसार 11 से 22 फरवरी तक आयोजित होने वाले क्षेत्रीय सरस मेले का रस्मी तौर पर उद्घाटन कल यानि 12 फरवरी को सायं 5.00 बजे मुख्‍य सांसदीय सचिव सहकारिता जगदीप सिंह नकई करेंगे जबकि समारोह की अध्यक्षता फरीदकोट मंडल के कमिश्नर रमिंदर सिंह करेंगे। ज्ञात रहे कि क्षेत्रीय सरस मेले में भारत के अलग अलग राज्यों में काम करने वाले स्वयं सेवी सहायता संगठनों की ओर से तैयार किए गए हस्तशिल्प, दस्ताकारी, मीनाकारी आदि सामान की बिक्री के लिए 200 स्टालें लगाई जाएंगी एवं इस मेले की बदौलत शहर वासी एवं शहर के सटे अन्य क्षेत्रों के लोग मेले में पहुंचकर देश भर में तैयार होने वाली अलग अलग वस्तुओं को बड़ी आसानी से खरीद सकेंगे। मेले में शिरकत करने वाले करीब 400 सेल्फ हेल्प ग्रुपों के सदस्यों के ठहरने व खानपान की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है। इसके अलावा मेले में आने वाले आगंतुकों का मनोरंजन करने केञ् लिए नॉर्थ जोन क्‍लचर पटियाला के करीब 100 कलाकार हर रोज अलग अलग राज्यों के लोकनृत्य पेश करेंगे। इस मेले में प्रवेश करने के लिए आने वाले लोगों को दस रुपए अदा करने होंगे जबकि स्कूली बच्चों के लिए एंट्री बिल्कुल निःशुल्क है।

पंजाबी संगीत का पानी गंदला न करें : महेश्वरी
बठिंडा। गीत व संगीत को रूह की खुराक माना जाता है, लेकिन खुराक अगर पौष्टिक आहार युक्‍त न हो तो वह खुराक शरीर के लिए हानिकारण सिद्ध होती है, जैसे आज की दिशाविहीन पंजाबी गायकी। दिशा से भटक चुकी पंजाबी गायक आज के युवाओं को सद्कार्य करने की प्रेरणा नहीं बल्कि गलत संगत में पडऩे के संदेश दे रही है। यह शब्‍द नौजवान वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष सोनू महेश्वरी ने जारी एक प्रेस बयान में कहे। युवा पीढ़ी को हिंसक व गैर जिम्‍मेदारना बनाने की तरफ खींचने वाले गीत गाने वाले गायकों को गददर की संज्ञा देते हुए श्री महेश्वरी ने कहा कि वर्तमान समय में पंजाबी गीतों के जरिए पश्चिमी सभ्‍यता, अहिंसा व नशे को खूब बढ़ावा दिया जा रहा है। पंजाबी गायकों द्वारा नौजवानों पीढ़ी को मामूली तकरार व झूठी शान के लिए मर मिटने को प्रेरित किया जाता है, देश की सेवा में कुर्बानी देने के लिए नहीं, अपनी प्रेमिका के लिए मर मिटने के लिए संदेश दिया जाता है, लेकिन जन्म देने वाले माता पिता की सेवा के लिए नहीं, बेफिक्र व बेकार रह कर मंहगी कारों, जीपों द्वारा ऐशप्रस्ती करने को उत्साहित किया जाता है, मेहनत करने के लिए नहीं, नशा करने के लिए प्रेरित किया जाता है अच्छी सेहत बनाने के लिए हीं। पंजाबी संगीत को आज दुनिया भर में पसंदीदा किया जा रहा है, ऐसे में पंजाबी गीतकारों व गायकों को ऐसे गीत नहीं गाने चाहिए तो पंजाब की बुरी तस्वीर को पेश करेंगे।

पुडा ने गिराए निर्माणाधीन अवैध आशियाने
खाली पड़ी जगह पर शीघ्र होगी चारदीवारी : पुडा

बठिंडा। पुडा द्वारा आज स्थानीय धोबियाना बस्ती में निर्माण अधीन मकान गिराने की सूचना मिली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुडा विभाग ने आज स्थानीय धोबियाना बस्ती में करीब डेढ़ दर्जन भर मकानों को गिराया, जिनका कथित तौर पर नियमों के विपरीत जाकर निर्माण किया जा रहा था। पुडा की इस कारवाई पर धोबियाना बस्ती के बाशिंदों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि पुडा उक्‍त जगह के लिए को में केस कई दफा हार चुका हैं एवं लोग यहां पर कई सालों से रहते आ रहे हैं। उधर, पुडा अधिकारी ओमशंकर का कहना है कि पुडा की ओर से जो निर्माण गिराए गए हैं, वह सब गैर कानूनी हैं एवं जमीन पर कब्‍जा करने की कोशिश के तहत किए जा रहे थे। फिलहाल, पुडा उक्‍त क्षेत्र में पुराने बने मकानों को नहीं गिरा रहा, लेकिन नया निर्माण नहीं करने दिया जाएगा। इसके अलावा पुडा शीघ्र ही खाली पड़ी जगह को चारदीवारी के भीतर लेगा, ताकि कोई व्यक्‍ति वहां कब्‍जा करने की कोशिश न करे। उन्होंने बताया कि आज निर्माण गिराओ अभियान के तहत करीब 15 से 20 के बीच मकान गिराए गए, जिनका वहां पर अवैध तरीके से निर्माण किया जा रहा था।

कैप्‍टन की रामपुरा रैली, लोक भलाई मंच ने मारी बाजी
डॉक्‍टर सतपाल भठेजा और टहल सिंह संधू ने भेजा 250 कारों का काफिला
 
 बठिंडा। जब से कैञ्प्टन अमरेंद्र सिंह प्रधान पंजाब प्रदेश कांग्रेस ने राजीव गांधी लोक भलाई मंच पंजाब के चेयरमैन डॉक्‍टर सतपाल भठेजा, वाइस चेयरमैन रणजीत सिंह गरेवाल, सीनियर नेता इंद्र सिंह साहनी, सुरिंद्र मोहन भोला, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव टहल सिंह संधू केञ् मजबूत ग्रुप की ओर से कांग्रेस पार्टी के प्रति निष्ठा, मजबूत इरादे की बहुत बढि़या कारगुजारी को देखते हुए थापी दी, तब से राजीव गांधी लोक भलाई मंच पंजाब ने अपनी कारगुजारी और उत्‍तम कर दी है। वैसे कई वर्षों से इस ग्रुप ने शायद इतना नाम परमात्मा का नहीं लिया होगा, जितनी स्व. राजीव गांधी, श्रीमति सोनिया गांधी, कैप्‍टन अमरेंद्र सिंह के नाम की माला फेरी होगी। राजनीतिक पंडितों, सीनियर कांग्रेसी नेताओं का तो यहां तक कहना है कि यह ग्रुप भूखा व प्यासा रहकर भी कांग्रेस का प्रचार करता ही रहता है। जितना खर्च यह मंच इलेक्‍शनों के दौरान 15-20 दिनों के प्रचार में कर देता है, उतना तो शायद स्थानीय एमएलए पांच साल में भी खर्च नहीं कर पाता। पहले इनकी कारगुजारी विरोधियों की साजिशों में दबकर रह जाती थी, लेकिन मेला माघी पर जब कैप्‍टन अमरेंद्र सिंह ने हवाई जहाज से आने की बजाय कार पर सफर करके राजीव गांधी लोक भलाई मंच की कारगुजारी देखी तो दंग रह गए। इसी प्रभाव केञ् कारण राजीव गांधी लोक भलाई मंच को दिन ब दिन इतनी लोकप्रियता मिल रही है। राजनीतिक गलियारे भी दंग रह गए हैं। धार्मिक, राजसी और सामाजिक संगठनों से इनको भरपूर सहयोग मिल रहा है। रात को ही युवराज रणइंद्र सिंह जी ने इनके साथ बात की और इन्होंने ज्यादा से ज्यादा वर्कञ्रों को प्रेरित करकेञ् रामपुरा फूल की रैली को कामयाब करने का भरोसा दिलाया। रात ही रात में, भगते वाले भूतों वाले कुएं की तरह बंजर भूमि से पानी निकालकर दिखा दिया। 250 से ऊपर कारों के काफिले को कांग्रेसी वर्करों से भरकर अपनी देख रेख में रैली के लिए रवाना किया। डॉक्‍टर सतपाल भठेजा की लगन व मेहनत का ही फल था, जो इतनी तादाद में कांग्रेसी वर्करों को भेजा गया, जिसकी मुंह बोलती तस्वीरें पेश हैं। इतना ही नहीं राजीव गांधी लोक भलाई मंच पंजाब के वर्कञ्रों ने  कॉपी स्पोक्‍स मैन की रामपुरा फूल में मुफत बांट कर एक रिकार्ड स्थापित किया है। प्रिंसीपल आरकेञ् नंदा, वीर बहादुर, सुरेन्दर कुमार शर्मा, महेन्द्र सिंह मौड़, बलराज, पत्रकार राज कुमार, इन्द्रजीत सिंह, प्रेम कुमार गर्ग, इन्द्र मोहन शर्मा, सुरजीत सिंह, जसवीर सिंह जींदा, हरदीप सिंह, सरपंच जरनैल सिंह बल्लुआणा, सुखचैन सिंह बाजवा, सुखबीर सिह बराड़, काला बराड़, डा.गुरमाल सिंह आदि हाजिर थे।

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